Saturday, 17 February 2024

हसी हुई जिंदगी से क्या बाते करना
वो तो उलजी है आखों से महोबत करने

Tuesday, 6 February 2024

खामोशी से  क्या बात  करे
सावरा से सवाल जो आजादी से करती है

Monday, 5 February 2024

बीते हुए ख्वाब

आंखों की झुकी तड़प न जाने,
कितने एहसास को जला देती है।

नूर है तेरी आंखों को देखना,
न जाने कैसे बातें कर लेती है ।

बीती है तेरी याद इन आंखों में,
न जाने बरसात करती है रोज।

 ख्वाब से बातें  करना,
न जाने  ख्वाब बने है दुश्मन ।
                          - पायल